राजस्थान के लोक नृत्य | Folk Dances of Rajasthan | page-2 , शास्त्रीय नृत्य - व्यावसायिक नृत्य

राजस्थान के लोक नृत्य

Folk Dances of Rajasthan


1.-शास्त्रीय नृत्य -  जो नियम व व्याकरण पर आधारित

होता है शास्त्रीय नृत्य कहलाता है।

राजस्थान का एक मात्र शास्त्रीय नृत्य कत्थक है-
*प्रवर्तक :- भानजी महाराज
*अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति देने वाले :- वीरजू महाराज
*आदिम घराना :- जयपुर
*अन्य वर्तमान घराना हराना :- लखनऊ
*कथक केन्द्र: - जयपुर, स्थापना- 1978-79

2.- व्यावसायिक नृत्य - आजीविका चलाने के लिए किया जाने वाला नृत्य व्यावसायिक नृत्य है।
उदाहरण - I) तेरहताली नृत्य।
                II) कच्ची छोडी नृत्य।
                III) भवाई नृत्य।
                IV) कालबेलिया नृत्य।


 I) तेरहताली नृत्य:- कांवण जाति की महिलाओं द्व्रारा बैठकर यह नृत्य किया जाता है ।
इसमें 13 मजीरे बांधे जाते है - 9.दाहे पैर में, 2. कोहनी के ऊपर, 2.दोनों हाथों में बांधे जाते है |
उदगम स्थल - पादरला गांव पाली। 
क्षैत्र - पाली, जैसलमेर, नागौर।

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