(3) रामदेव जी :-
जन्म ➞ 1409 ई. भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को शिव तहसील के ऊडाकासमेर,बाड़मेर
में हुआ
पिता ➞ अजमाल जी तंवर माता ➞ मैणादे पत्नी ➞ नेतल दे घोड़ा ➞ लीला गुरु ➞ बालीनाथ भाई ➞ वीरमदे (बलराम का अवतार) मंदिर ➞ रुकीचा- जैसलमेर
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- पूज्य प्रतीक - पगले
- चमत्कार - पर्चा
- रात्रि जागरण - जम्मा
- भजन - ब्यावले
- पूजा स्थल - थान तथा भक्ति यात्री को जातरू कहते हैं
उपनाम ➞
- विष्णु का अवतार
- रामसा पीर
- पीरों का पीर
- हैजा एवं कुष्ठ रोग का देवता
प्रमुख मंदिर :-
(1) रुनीचा - जैसलमेर :-
- यहाँ के पुजारी तंवर राजपूत होते है ।
- यहाँ के मंदिर में लोग कपड़े के घोड़े चढ़ाते हैं ।
मेला - भाद्रपद द्वितीया से एकादशी तक लगता है ।
- यह सांप्रदायिक सदभावना का मेला है।
- इसमें कावड़ जाति की महिलाओं द्वारा तेरहताली नृत्य किया जाता है।
- रामदेव जी के मेले को मारवाड़ का कुंभा कहा जाता है।
(2 ) खुंडियारास परबतसर -नागौर (दूसरा रामदेवरा)
(3) छोटा रामदेव - गुजरात
अन्य मंदिर :-
- विराठिया - पाली
- मसूरिया - जोधपुर
- अथरशिला - जोधपुर
- सुरताखेड़ा - चित्तौड़गढ़
Note:-
- बाबा रामदेव की मुलाकात पंच पीरों से जिस स्थान पर हुई थी वह पंच पीपति (जैसलमेर) है।
- मक्का के पांच पीरों ने बाबा रामदेव को पीरों का पीर कहा।
- बाबा रामदेव कावड़िया पंथ की स्थापना की।
- बाबा रामदेव जी मूर्ति पूजा के विरोधी एवं समाज सुधारक लोक देवता थे।
- रामदेव जी ने हिंदू धर्म में शुद्धि आंदोलन चलाया ।
- रामदेव जी की रचना - 24 वाणियां है ।
- रामदेव जी राजस्थान के एकमात्र लोक देवता है जो कवि भी थे।
- लोक देवताओं में रामदेव जी का गीत सबसे लंबा है।
- रामदेव जी की फड़ का सर्वप्रथम चित्रांकन चौथमल चितेरी द्वारा किया गया।
- रामदेव जी की फड़ का वाचन कावड़ जाति के तोफों द्वारा रावण हत्या वाद्ययंत्र के साथ किया जाता है।
- रामदेव जी का प्रमुख वृक्ष "कदम्ब" है।
- रामदेव जी का सहयोगी "हरजी भाटी" है।
- मेघबाल जाति की भक्त "रिखिया "है ।
- पांच रंग की ध्वजा "नेजा" कहलाती है।
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