रामदेव जी, - राजस्थान के लोक देवता Ramdev ji. (rajasthan ke Lok devta) page 4







(3) रामदेव जी :- 



जन्म  1409 ई. भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को शिव तहसील के ऊडाकासमेर,बाड़मेर में हुआ

पिता  अजमाल जी तंवर

माता  मैणादे

पत्नी  नेतल दे

घोड़ा  लीला

गुरु  बालीनाथ

भाई  वीरमदे (बलराम का अवतार)

मंदिर  रुकीचा- जैसलमेर

  • मंदिर को देवरा कहते हैं
  • भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को बाबेरी बीज कहती है



  • पूज्य प्रतीक - पगले 
  • चमत्कार पर्चा 
  • रात्रि जागरण  - जम्मा 
  • भजन - ब्यावले 
  • पूजा स्थल - थान  तथा भक्ति यात्री को जातरू कहते हैं

उपनाम 

  • विष्णु का अवतार 
  • रामसा पीर 
  • पीरों का पीर 
  • हैजा एवं कुष्ठ रोग का देवता
Note:-हिंदू बाबा रामदेव को कृष्ण का अवतार मानते हैं जबकि मुसलमान रामसा पीर का अवतार मानते है

 प्रमुख मंदिर :
(1) रुनीचा - जैसलमेर :
  • यहाँ के पुजारी तंवर राजपूत होते है । 
  • यहाँ के मंदिर में लोग कपड़े के घोड़े चढ़ाते हैं । 

मेला - भाद्रपद द्वितीया से एकादशी तक लगता है ।

  • यह सांप्रदायिक सदभावना का मेला है। 
  • इसमें कावड़ जाति की महिलाओं द्वारा तेरहताली नृत्य किया जाता है। 
  • रामदेव जी के मेले को मारवाड़ का कुंभा कहा जाता है। 

(2 ) खुंडियारास परबतसर -नागौर (दूसरा रामदेवरा)

(3) छोटा रामदेव - गुजरात

अन्य मंदिर :-

  • विराठिया - पाली 
  • मसूरिया - जोधपुर
  • अथरशिला - जोधपुर 
  • सुरताखेड़ा - चित्तौड़गढ़


Note:-

  • बाबा रामदेव की मुलाकात पंच पीरों से जिस स्थान पर हुई थी वह  पंच पीपति (जैसलमेर) है। 
  • मक्का के पांच पीरों ने बाबा रामदेव को पीरों का पीर कहा। 


  • बाबा रामदेव कावड़िया पंथ की स्थापना की। 
  • बाबा रामदेव जी मूर्ति पूजा के विरोधी एवं समाज सुधारक लोक देवता थे। 
  • रामदेव जी ने हिंदू धर्म में शुद्धि आंदोलन चलाया । 
  • रामदेव जी की रचना - 24 वाणियां है । 
  • रामदेव जी राजस्थान के एकमात्र लोक देवता है जो कवि भी थे। 
  • लोक देवताओं में रामदेव जी का गीत सबसे लंबा है। 
  • रामदेव जी की फड़ का सर्वप्रथम चित्रांकन चौथमल चितेरी द्वारा किया गया। 
  • रामदेव जी की फड़ का वाचन कावड़ जाति के तोफों द्वारा रावण हत्या वाद्ययंत्र के साथ किया जाता है। 
  • रामदेव जी का प्रमुख वृक्ष "कदम्ब" है।
  • रामदेव जी का सहयोगी "हरजी भाटी" है। 
  • मेघबाल जाति की भक्त "रिखिया "है । 
  •  पांच रंग की ध्वजा "नेजा" कहलाती है। 
नोट- नेजा एक नृत्य भी है जो भीलमीणा जनजाति का है। 

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