तेजाजी :-
प्रमुख मंदिर :➞
देवनारायण जी :-
जन्म ➞ 1243 ईस्वी (माघ शुक्ल षष्टी को) गोठा दंडावत आसींद भीलवाड़ा में हुआ ।
पिता ➞ सवाई भोज
माता ➞ साढू खटाणी
पत्नी ➞ पीपल दे
घोड़ा ➞ लीलाधर
प्रमुख मंदिर :➞
उपनाम ➞
Note :- बगड़ावतों की कहानी को राजस्थान की महाभारत कहते हैं ।
देवनारायण जी पर एक फिल्म बनी जिसमें देवनारायण जी का रोल नाथू सिंह गुर्जर द्वारा किया गया।
देव बाबा :➞ ये पशु चिकित्सक थे तथा इनको ग्वालों के रक्षक या ग्वालों के देवता भी कहते हैं।
मंदिर ➞ नगला जहाज भरतपुर
मामा देव:➞ इनको बरसात के देवता भी कहते हैं ।
इनके मंदिर नहीं होते बल्कि गांव के बाहर लकड़ी के तोरण की पूजा की जाती है।
वीर बिग्गाजी :➞
वीर फत्ता जी :➞
मंदिर ➞ साथू गांव जालौर
भाद्र शुक्ल नवमी (फत्ता नवमी ) के दिन मेला लगता है ।
झोरण जी :➞
मंदिर ➞ नागौर
भाद्र शुक्ल पंचमी (ऋषि पंचमी ) के दिन मेला लगता है।
जन्म ➞ 1073 ईस्वी में माघ
शुक्ल चतुर्दशी के दिन खरनाल- नागौर
पिता ➞ ताहड जी जाट
(धौल्या गोत्र के)
माता ➞ राजकुंवरी
भोपे ➞
घोड़ला
प्रतीक ➞ तलवारदारी
असवारोही
घोड़ी ➞ लीलण / सिणगारी
पत्नी ➞ पेलम दे
(पनेर गांव - अजमेर )
|
प्रमुख मंदिर :➞
- खरनाल नागौर - जन्म स्थान
- बांसी दुगारी - कर्म स्थली
- सेंदरिया अजमेर - यहाँ "बासक" नामक सर्प ने तेजाजी को डसा
- सुरसरा अजमेर - मृत्यु स्थल
- परबतसर नागौर - वीर तेजाजी का पशु मेला लगता है
- आंवता अजमेर
- भाद्रशुक्ल दशमी को तेजाजी दशमी भी कहते हैं।
- मेला - श्रावण पूर्णमा से भाद्रपद अमावस्या तक लगता है ।
- यह राजस्थान का आय की द्रष्टि से सबसे बड़ा मेला है।
- तेजाजी ने मेर के मीणाओं से लाछा गूजरी (पत्नी की सहेली ) की गायों को छुड़ाया एवं वहाँ सांप के डसने से वीरगति को प्राप्त हुए।
- तेजाजी की मृत्यु का समाचार उनकी घोड़ी नीलण ने पत्नी पेलम दे तक पहुंचाया था।
देवनारायण जी :-
जन्म ➞ 1243 ईस्वी (माघ शुक्ल षष्टी को) गोठा दंडावत आसींद भीलवाड़ा में हुआ ।
पिता ➞ सवाई भोज
माता ➞ साढू खटाणी
पत्नी ➞ पीपल दे
घोड़ा ➞ लीलाधर
प्रमुख मंदिर :➞
- गोठा दंडावत - जन्म स्थान
- देंहमाली - ब्यावर अजमेर
- जोधपुररिया धाम निवाई टोंक
- देवडूंगरी चित्तौड़गढ़
- भिनाय अजमेर
उपनाम ➞
- राज्य क्रांति का जनक
- विष्णु का अवतार
- आयुर्वेद का ज्ञाता
- देवनारायण जी ने भिनाय के शासक दुर्जनशाल को युद्ध करके पराजित किया एवं अपने भाई महेंदू को शासक बनाया इसलिए इन्हें राज्य क्रांति का जनक कहा जाता है।
- देवनारायण जी बगड़ावत (गुर्जरों की ) शाखा से थे।
- देवनारायण जी की फड़ का वाचन बगड़ावत गुर्जर जाति के भोपे द्वारा जंतर वाद्य यंत्र के साथ किया जाता है।
- देवनारायण जी की फड़ सबसे लंबी, सर्वाधिक चित्रांकन वाली एवं सर्वाधिक प्राचीन फड है।
- 2011 में देवनारायण जी पर 5 रूपए का डाक टिकट जारी किया गया था।
- देवनारायण जी के मंदिर में ईंटों की पूजा की जाती है ।
- लक्ष्मी कुमारी चुंडावत जी बगड़ावत कहानी लिखी ।
Note :- बगड़ावतों की कहानी को राजस्थान की महाभारत कहते हैं ।
देवनारायण जी पर एक फिल्म बनी जिसमें देवनारायण जी का रोल नाथू सिंह गुर्जर द्वारा किया गया।
देव बाबा :➞ ये पशु चिकित्सक थे तथा इनको ग्वालों के रक्षक या ग्वालों के देवता भी कहते हैं।
मंदिर ➞ नगला जहाज भरतपुर
मामा देव:➞ इनको बरसात के देवता भी कहते हैं ।
इनके मंदिर नहीं होते बल्कि गांव के बाहर लकड़ी के तोरण की पूजा की जाती है।
वीर बिग्गाजी :➞
- ये गायों की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
- जाखड़ (जाट) समाज के आराध्य देव है ।
- पिता ➞ महन जी
- मंदिर ➞ रीडी गांव बीकानेर
वीर फत्ता जी :➞
मंदिर ➞ साथू गांव जालौर
भाद्र शुक्ल नवमी (फत्ता नवमी ) के दिन मेला लगता है ।
झोरण जी :➞
मंदिर ➞ नागौर
भाद्र शुक्ल पंचमी (ऋषि पंचमी ) के दिन मेला लगता है।
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