(5) धार्मिक नृत्य :-
(I) घूमर नृत्य :-
उत्पत्ति :- भृंगु , मध्य एशिया से हुई।
विशेषताएं :-
नोट :-
(II) घुड़ला नृत्य :- यह नृत्य जोधपुर (मारवाड़ क्षेत्र) का प्रसिद्ध है।
* 1492 में अजमेर के घुड़ले खाँ ( सेनापति) एवं मल्लू खाँ ने मेड़ता पर आक्रमण किया रास्ते में पीपाड़ गाँव के तलाब पर गणगौर की पूजा कर रही 141 तीजड़ियों (स्त्रियों )का अपहरण कर अजमेर ले गये इस बात की खबर मारवाड़ (जोधपुर) के राजकुमार सातल देव को पता चली तो उसने उनका पीछा किया और उन्हें अजमेर पहुँचने से पहले ही रास्ते में घेर लिया और युद्ध किया एवं घुड़ले खाँ का सिर काट कर तीजड़ियों को दे दिया इसी खुशी में किया जाने वाला नृत्य घुड़ला नृत्य है ।
(III) लांगुरिया नृत्य :-
* गरबा नृत्य :- यह नृत्य मुख्यतः गुजरात का है लेकिन राजस्थान में डूंगरपुर जिले में किया जाता है।
(I) घूमर नृत्य :-
- यह राजस्थान का राज्य नृत्य है ।
- यह राजस्थान का रजवाड़ी नृत्य है ।
- यह लोक नृत्यों का सिरमौर है ।
- घूमर राजस्थान में नियुक्तियों की आत्मा है ।
- यह राजस्थान में नृत्यों का ह्रदय है।
उत्पत्ति :- भृंगु , मध्य एशिया से हुई।
- मेवाड़ क्षैत्र में राजपूतों का प्रमुख नृत्य है ।
- यह महिला प्रधान जाते हैं ।
- कोटा में माधव सिंह के काल से प्रारंभ हुआ ।
- यह गणगौर तीज व वैवाहिक उत्सव पर किया जाता है ।
विशेषताएं :-
- इसमें हाथों का लचकदार संचालन होता है ।
- क्लॉक वाइज एंड एंटी क्लॉक वाइज किया जाता है ।
- इस नृत्य में 8 स्टेप्स (मात्राएं) होती हैं, जिन्हें सवाई कहा जाता है ।
नोट :-
- इस नृत्य में एक लड़की अपनी मां से सौंदर्य श्रंगार की मांग करती है ।
- यह नृत्य अष्टराग पद्धति एवं जल सारंगधर की कथा पर आधारित नृत्य है ।
- घूमर नृत्य के समय घूमर गीत गाया जाता है।
(II) घुड़ला नृत्य :- यह नृत्य जोधपुर (मारवाड़ क्षेत्र) का प्रसिद्ध है।
* 1492 में अजमेर के घुड़ले खाँ ( सेनापति) एवं मल्लू खाँ ने मेड़ता पर आक्रमण किया रास्ते में पीपाड़ गाँव के तलाब पर गणगौर की पूजा कर रही 141 तीजड़ियों (स्त्रियों )का अपहरण कर अजमेर ले गये इस बात की खबर मारवाड़ (जोधपुर) के राजकुमार सातल देव को पता चली तो उसने उनका पीछा किया और उन्हें अजमेर पहुँचने से पहले ही रास्ते में घेर लिया और युद्ध किया एवं घुड़ले खाँ का सिर काट कर तीजड़ियों को दे दिया इसी खुशी में किया जाने वाला नृत्य घुड़ला नृत्य है ।
- घुड़ला त्यौहार चैत्र कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता है ।
- यह मारवाड़ जोधपुर क्षैत्र में किया जाता है इसमें छिद्रत मटके में जलते हुए दीपक रखकर गोलाकार पथ पर बालिकाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
(III) लांगुरिया नृत्य :-
- यह करौली में कैला देवी के भक्तों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है ।
- करौली क्षेत्र की केलादेवी, हनुमान जी की मां का अवतार मानी जाती हैं।
- नवरात्रि के दिनों में करौली क्षेत्र में लांगुरिया नृत्य होता है ।
- इसमें स्त्री-पुरुष सामूहिक रूप से भाग लेते हैं एवं इस नृत्य के दौरान नफीरी- नौबत बनाई जाती है।
* गरबा नृत्य :- यह नृत्य मुख्यतः गुजरात का है लेकिन राजस्थान में डूंगरपुर जिले में किया जाता है।
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